Remembrance meeting




Hem Bhatnagar

28 October 1929 -- 25 January, 2022


We are sorry to inform you that our loving -- and much loved -- Mummy/Daadi/Hem aunty/Hemji/Mrs. Bhatnagar decided to leave us. She passed away peacefully on January 25, 2022 at the ripe age of 92 years. We invite you to spend some time with us to remember her. 

 

The zoom link is below. If you are unable to come into the zoom session, please follow live on youtube at the link given below. 


Amit-Jaya, Gaurav-Priti, Tejasi-Revali-Sarang

and everyone from Yugal Sadan and Avantika pariwar


PS: If you would like to say a few words, kindly let Gaurav know by email (bhatnagarg at gmail.com)


The Programme

The video recording of the programme is here. The first 40 minutes or so is Sundar Kand -- from an LP which was played incessantly in JDM. The program follows. Part I of the program, the planned part, took about 2 hours. After that there was Part II, which was less planned but perhaps most insightful. 




Thank You


सभी प्रियजनों को नमस्कार। 

आप से,  मम्मी (डॉ हेम भटनागर) के, रिश्तों के तार, इतने मज़बूत और गहरे थे, इस बात का अंदाज़ तो हम लोगों को था ही लेकिन जिस तरह से आप सबने उनके बारे में लिखा और कहा, न केवल उनके जाने के बाद, उनकी 90 th जन्मदिवस पर भी, उसको सुनकर, पढ़कर हमें फिर से यह अहसास हो रहा है  कि हम कितने भाग्यशाली हैं, उन्हे मित्र और मार्गदर्शक के रूप में पाकर।

जीवन भर और बाद में भी, आपने जो प्यार और इज़्ज़त उन्हे दी, उसके लिए हम सबकी ओर से यह बहुत ही अपूर्ण सा आभार स्वीकार करें। आपका प्रेम उन्हे भी जीवन भर सींचता गया और बल देता रहा। 

आप सबने बखूबी, उनके बहुरंगी व्यक्तित्व को सामने लाया - उनके रोम रोम में बसा संगीत और साहित्य, रिश्तों को जीना, उनका हर काम को बहुत ही निष्ठांपूर्वक करना, एक आदर्श अध्यापिका का अवतार, अपने आस पास के लोगों को स्पेस देना, जीवन जीने की कला, दूसरे की बात को समझ कर परामर्श देना, हिन्दी भाषा से उनका अपार प्रेम और उसके प्रचार के लिए किए गए अनूठे प्रयास जैसे सामान्य लोगों के साथ साहित्यिक गतिविधियां, चुनिन्दा पुस्तकें  पढ़ने के लिए देना, प्रकाशन, पत्रिका... और बहुत कुछ। किसी भी मेसेज को पढ़कर ऐसा नहीं लगा कि वह औपचारिकतावश लिखा गया है। सभी ने दिल से महसूस की हुई बातें ही लिखीं। 

वे एक सशक्त और जागरूक महिला थीं जो अपने जमाने से बहुत आगे थीं। वे हम सभी को अपने संगीत से, बातों से, आत्मीयता से इतना भर गईं हैं कि उनके न होने का आभास होना बहुत कठिन है। वो सदा ही हमारी प्रेरणा बनी रहेंगी। 

एक बार फिर, आप सब शुभचिंतकों को तह दिल से प्रणाम। 

अमित - जयश्री। गौरव - प्रीति। 
तेजसी, रेवली, सारंग
18, चित्रा विहार
दिल्ली 110092